Friday, December 20, 2019

तो परवेज़ मुशर्रफ़ का शव तीन दिन तक लटकाया जाएगा: प्रेस रिव्यू

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज़ मुशर्रफ को देशद्रोह के एक मामले में दोषी पाते हुए विशेष अदालत ने फांसी की सज़ा सुनाई है. अदालत के इस फ़ैसले की पूरी कॉपी अब जारी कर दी गई है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित समाचार में बताया गया है कि अदालत के फ़ैसले में लिखा गया है कि अगर मुशर्रफ़ की मौत फांसी की सज़ा से पहले हो जाती है तो उनके शव को इस्लामाबाद के डी-चौक पर तीन दिनों के लिए लटकाया जाएगा.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

फ़ैसले में कहा गया है, ''हमने अभियुक्त को हर एक अपराध का दोषी पाया है. इसलिए उन्हें फांसी पर अंतिम सांस तक लटाकाया जाए.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

''हम क़ानून प्रवर्तन एजेंसियों को यह निर्देश देते हैं कि वह दोषी व्यक्ति को क़ानून की तरफ से तय सज़ा देने का काम पूरा करे और अगर वह इससे पहले मृत पाए जाते हैं तो उनके शव को पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के डी-चौक पर लाया जाए और वहां तीन दिन के लिए लटकाया जाए.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

विशेष अदालत की जिस बेंच ने परवेज़ मुशर्रफ के ख़िलाफ़ फ़ैसला सुनाया है उसका नेतृत्व पेशावर हाईकोर्ट के चीफ़ जस्टिस वक़ार अहमद सेठ कर रहे थे. इस बेंच में उनके साथ सिंध हाईकोर्ट के जस्टिस नज़र अकबर और लाहौर हाईकोर्ट के जस्टिस शाहिद करीम शामिल थे.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इस फ़ैसले में जहां जस्टिस सेठ और जस्टिस करीम ने मुशर्रफ़ को दोषी पाया वहीं जस्टिस अकबर ने इससे अलग राय रखी थी. 76 वर्षीय परवेज़ मुशर्रफ़ इस समय दुबई में हैं जहां उनका इलाज चल रहा है. एक वीडियो में उन्होंने खुद पर लगे आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि कुछ ऐसे तत्व हैं जो भारत में शांति नहीं देखना चाहते और वे देश में प्रवेश के लिए खुली सीमाओं, खासकर नेपाल से लगने वाली सीमा का इस्तेमाल करते हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित समाचार के अनुसार अमित शाह ने सशस्त्र सीमा बल के 56वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि बीते एक साल में दो पाकिस्तानियों समेत 54 "घुसपैठियों" को सीमा पर पकड़ा गया. ये घुसपैठिये पाकिस्तान समेत 24 देशों के हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

सशस्त्र सीमा बल यानी एसएसबी नेपाल और भूटान से लगी 1,751 किलोमीटर लंबी सीमा की रक्षा करता है. शाह ने कहा कि नेपाल और भूटान के साथ भारत के संबंध मैत्रीपूर्ण हैं. बल ने सुनिश्चित किया है कि इन मोर्चों पर इन देशों के लोगों के साथ सम्मानपूर्ण बर्ताव हो.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

उन्होंने कहा, ''जब दुनिया में यात्रा करना आसान हो गया है, तो उन देशों के वो तत्व जो भारत में शांति देखना नहीं चाहते वे देश में घुसपैठ के लिए नेपाल सीमा का इस्तेमाल कर रहे हैं.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

निर्भया गैंगरेप के दोषियों में से एक पवन गुप्ता की याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है. इतना नहीं दिल्ली हाई कोर्ट ने दोषी के वकील ए. पी. सिंह पर अदालत के साथ 'लुका छिपी' का खेल खेलने के लिए 25 हज़ार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

नवभारत टाइम्स में प्रकाशित समाचार के अनुसार हाई कोर्ट ने दिल्ली बार काउंसिल को भी निर्देश दिया है कि दोषी पवन कुमार की आयु के संबंध में फर्जी हलफ़नामा दाखिल करने के लिए वकील के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाए.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इससे पहले कोर्ट ने 24 जनवरी तक के लिए मामले की सुनवाई टाल दी थी, लेकिन इसके बाद निर्भया की मां ने कोर्ट से इस गुरुवार को ही मामले की सुनवाई करने की अपील की. उनकी अपील पर कोर्ट ने सुनवाई के लिए राजी हो गया.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

निर्भया गैंगरेप और हत्या के मामले में 4 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई है, इनमें से एक पवन गुप्ता ने बुधवार को कोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया कि घटना के समय वह नाबालिग था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर ज़िले की रेप पीड़िता की कानपुर मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

हिंदुस्तान अख़बार में प्रकाशित समाचार के अनुसार रेप के अभियुक्तों ने युवती को ज़िंदा जला दिया था, गंभीर हालत में उसे कानपुर मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया था और दो दिन पहले हालत बिगड़ने की वजह पीड़िता कोमा में चली गई थी. गुरुवार तड़के सुबह पीड़िता की मौत हो गई.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

रेप पीड़िता का इलाज करने वाले डॉक्टरों का कहना है कि उसके संक्रमण को रोक पाना संभव नहीं हो पाया.

बीते शुक्रवार को फतेहपुर के हुसैनगंज इलाके के एक गांव में किशोरी के साथ रेप की घटना हुई. शनिवार सुबह जब उनके परिजन उन्हें थाने जाने लगे तो बताया जाता है कि अभियुक्तों ने मिट्टी का तेल डालकर पीड़िता को जलाने की कोशिश की.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

90 फीसदी झुलसी किशोरी को आनन-फानन में ज़िला अस्पताल में भर्ती कराया गया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज़ मुशर्रफ को देशद्रोह के एक मामले में दोषी पाते हुए विशेष अदालत ने फांसी की सज़ा सुनाई है. अदालत के इस फ़ैसले की पूरी कॉपी अब जारी कर दी गई है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित समाचार में बताया गया है कि अदालत के फ़ैसले में लिखा गया है कि अगर मुशर्रफ़ की मौत फांसी की सज़ा से पहले हो जाती है तो उनके शव को इस्लामाबाद के डी-चौक पर तीन दिनों के लिए लटकाया जाएगा.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

फ़ैसले में कहा गया है, ''हमने अभियुक्त को हर एक अपराध का दोषी पाया है. इसलिए उन्हें फांसी पर अंतिम सांस तक लटाकाया जाए.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

''हम क़ानून प्रवर्तन एजेंसियों को यह निर्देश देते हैं कि वह दोषी व्यक्ति को क़ानून की तरफ से तय सज़ा देने का काम पूरा करे और अगर वह इससे पहले मृत पाए जाते हैं तो उनके शव को पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के डी-चौक पर लाया जाए और वहां तीन दिन के लिए लटकाया जाए.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

विशेष अदालत की जिस बेंच ने परवेज़ मुशर्रफ के ख़िलाफ़ फ़ैसला सुनाया है उसका नेतृत्व पेशावर हाईकोर्ट के चीफ़ जस्टिस वक़ार अहमद सेठ कर रहे थे. इस बेंच में उनके साथ सिंध हाईकोर्ट के जस्टिस नज़र अकबर और लाहौर हाईकोर्ट के जस्टिस शाहिद करीम शामिल थे.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इस फ़ैसले में जहां जस्टिस सेठ और जस्टिस करीम ने मुशर्रफ़ को दोषी पाया वहीं जस्टिस अकबर ने इससे अलग राय रखी थी. 76 वर्षीय परवेज़ मुशर्रफ़ इस समय दुबई में हैं जहां उनका इलाज चल रहा है. एक वीडियो में उन्होंने खुद पर लगे आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि कुछ ऐसे तत्व हैं जो भारत में शांति नहीं देखना चाहते और वे देश में प्रवेश के लिए खुली सीमाओं, खासकर नेपाल से लगने वाली सीमा का इस्तेमाल करते हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित समाचार के अनुसार अमित शाह ने सशस्त्र सीमा बल के 56वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि बीते एक साल में दो पाकिस्तानियों समेत 54 "घुसपैठियों" को सीमा पर पकड़ा गया. ये घुसपैठिये पाकिस्तान समेत 24 देशों के हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

सशस्त्र सीमा बल यानी एसएसबी नेपाल और भूटान से लगी 1,751 किलोमीटर लंबी सीमा की रक्षा करता है. शाह ने कहा कि नेपाल और भूटान के साथ भारत के संबंध मैत्रीपूर्ण हैं. बल ने सुनिश्चित किया है कि इन मोर्चों पर इन देशों के लोगों के साथ सम्मानपूर्ण बर्ताव हो.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

उन्होंने कहा, ''जब दुनिया में यात्रा करना आसान हो गया है, तो उन देशों के वो तत्व जो भारत में शांति देखना नहीं चाहते वे देश में घुसपैठ के लिए नेपाल सीमा का इस्तेमाल कर रहे हैं.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

निर्भया गैंगरेप के दोषियों में से एक पवन गुप्ता की याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है. इतना नहीं दिल्ली हाई कोर्ट ने दोषी के वकील ए. पी. सिंह पर अदालत के साथ 'लुका छिपी' का खेल खेलने के लिए 25 हज़ार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

नवभारत टाइम्स में प्रकाशित समाचार के अनुसार हाई कोर्ट ने दिल्ली बार काउंसिल को भी निर्देश दिया है कि दोषी पवन कुमार की आयु के संबंध में फर्जी हलफ़नामा दाखिल करने के लिए वकील के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाए.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इससे पहले कोर्ट ने 24 जनवरी तक के लिए मामले की सुनवाई टाल दी थी, लेकिन इसके बाद निर्भया की मां ने कोर्ट से इस गुरुवार को ही मामले की सुनवाई करने की अपील की. उनकी अपील पर कोर्ट ने सुनवाई के लिए राजी हो गया.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

निर्भया गैंगरेप और हत्या के मामले में 4 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई है, इनमें से एक पवन गुप्ता ने बुधवार को कोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया कि घटना के समय वह नाबालिग था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर ज़िले की रेप पीड़िता की कानपुर मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

हिंदुस्तान अख़बार में प्रकाशित समाचार के अनुसार रेप के अभियुक्तों ने युवती को ज़िंदा जला दिया था, गंभीर हालत में उसे कानपुर मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया था और दो दिन पहले हालत बिगड़ने की वजह पीड़िता कोमा में चली गई थी. गुरुवार तड़के सुबह पीड़िता की मौत हो गई.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

रेप पीड़िता का इलाज करने वाले डॉक्टरों का कहना है कि उसके संक्रमण को रोक पाना संभव नहीं हो पाया.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

बीते शुक्रवार को फतेहपुर के हुसैनगंज इलाके के एक गांव में किशोरी के साथ रेप की घटना हुई. शनिवार सुबह जब उनके परिजन उन्हें थाने जाने लगे तो बताया जाता है कि अभियुक्तों ने मिट्टी का तेल डालकर पीड़िता को जलाने की कोशिश की.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

90 फीसदी झुलसी किशोरी को आनन-फानन में ज़िला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

Thursday, December 5, 2019

झारखंडः रघुवर दास के सामने सरयू राय और गौरव वल्लभ कितने दमदार

वीरेंद्र सिंह सुबह-सुबह अपनी सूमो गाड़ी में बैठ जमशेदपुर के चर्चित बाज़ार साकची चौक पर अख़बार पढ़ रहे हैं. वो यहीं गाड़ी चलाते हैं और उन्हें इंतज़ार है कि आज कोई काम मिले तो कमाई हो.

48 साल के वीरेंद्र जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा के मतदाता हैं. उनका घर इस विधानसभा क्षेत्र के सोनारी में है. यहाँ से झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास और बीजेपी से बाग़ी बने और दास कैबिनेट में मंत्री रहे सरयू राय आमने-सामने हैं.

कांग्रेस और जेएमएम गठबंधन के उम्मीदवार और कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ भी यहाँ से मैदान में हैं.

क्या रघुवर दास त्रिकोणीय मुक़ाबले में हैं?

वीरेंद्र सिंह कहते हैं, "कोई त्रिकोणीय मुक़ाबला नहीं है. जीतेंगे तो रघुवर दास ही. हालाँकि वो इसलिए नहीं जीतेंगे कि उन्होंने अच्छा काम किया है. वो बीजेपी के उम्मीदवार हैं इसलिए जीत जाएँगे."

"सरयू राय भी अच्छे उम्मीदवार हैं और उन्हें भी लोग वोट करेंगे. वो इसलिए यहाँ से नहीं जीतेंगे क्योंकि यहाँ बस्तियाँ नहीं हैं. यहाँ शहरी मतदाता हैं. सरयू राय झुग्गी-झोपड़ी वालों के बीच ज़्यादा लोकप्रिय हैं. यहाँ तो सब बीजेपी के नाम पर रघुवर दास को ही वोट करेगा. टक्कर सरयू राय और रघुवर दास में ही है."

वीरेंद्र सिंह इस बात को मानते हैं कि महंगाई और बेरोज़गारी जैसी समस्याएँ हैं लेकिन यह चुनावी मुद्दा नहीं है.

सिदगोड़ा के सब्ज़ी मार्केट में प्रह्लाद चौधरी दशकों से सब्ज़ी बेच रहे हैं. उन्हें लगता है कि जिसकी सरकार केंद्र में हो उसी की सरकार राज्य में रहे तो ज़्यादा अच्छा रहता है.

हालाँकि वो ये नहीं बता पाए कि पिछले पाँच सालों से झारखंड में ऐसा ही है लेकिन इससे झारखंड को क्या फ़ायदा मिला.

प्रह्लाद चौधरी के बग़ल में सोनेराम की सब्ज़ी की दुकान है और वो कहते हैं कि सरयू राय के पास जाना और कोई काम करवाना ज़्यादा आसान है.

सिदगोड़ा सब्ज़ी मार्केट के पास में ही एक पार्क है. रात के नौ बजे हैं और यहाँ युवाओं का एक समूह आपस में बात कर रहा है. उनसे चुनाव को लेकर बात शुरू की तो सभी ने पर्याप्त दिलचस्पी दिखाई.

संदीप नाम के एक युवा ने इसी बीच झट से मोबाइल निकाला और एक वीडियो दिखाया.

उस वीडियो में रघुवर दास कह रहे हैं, "झारखंड को हम भ्रष्टाचार मुक्त, अपराध मुक्त और शिक्षा मुक्त बनाएँगे."

संदीप कहते हैं कि शिक्षा मुक्त बनाने वाला सीएम तो नहीं चाहिए. वो कहते हैं कि सरयू राय रघुवर दास को कड़ी टक्कर दे रहे हैं.

जशेदपुर पूर्वी में जितने लोगों से मिला सबने कहा कि टक्कर रघुवर दास और सरयू राय में है. हालाँकि कांग्रेस प्रत्याशी गौरव वल्लभ का नाम भी लोग जानते हैं. उनका नाम लेते ही यहाँ के लोग ट्रिलियिन वाले भैया कहने लगते हैं.

लेकिन लोग ऐसा नहीं कहते हैं कि वो रेस में हैं. सरयू राय से गौरव वल्लभ के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि ट्रिलियन वाला का तो जेएमएम भी समर्थन नहीं कर रहा है तो उसकी बात क्या करें.

जमशेदपुर में प्रभात ख़बर के स्थानीय संपादक अनुराग कश्यप कहते हैं, "सरयू राय को टिकट नहीं मिलने से यहाँ के लोगों में उनके प्रति सहानुभूति तो है लेकिन यह वोट में कितना तब्दील हो पाएगा अहम सवाल यह है. पिछले 25 सालो से रघुवर दास जमशेदपुर पूर्वी से चुनाव जीत रहे हैं."

"2014 के विधानसभा चुनाव में कोल्हान प्रमंडल में रघुवर दास एकलौते प्रत्याशी थे जो 70 हज़ार वोट से जीते थे. इस प्रमंडल में झारखंड की 14 सीटें हैं और इनमें रघुवर दास ही एकमात्र उम्मीदवार थे, जिन्हें एक लाख से ज़्यादा वोट मिले थे. संभव है कि इस बार जीत का अंतर 70 के बदले 30 हो जाए लेकिन उन्हें हाराना आसान नहीं है."

अनुराग कश्यप कहते हैं, "ज़ाहिर है सरयू राय बीजेपी के वोट में ही सेंधमारी करेंगे. उनके पक्ष में सहानुभूति भी है और रघुवर दास के ख़िलाफ़ 25 सालो की सत्ता विरोधी लहर भी, लेकिन इन तमाम उलट परिस्थितियों की तुलना में उनके पक्ष में ज़्यादा चीज़ें हैं."

"वो यही पले-बढ़े हैं. यहाँ के स्कूल में पढ़े हैं. हर गली मोहल्ले के लोग उन्हें जानते हैं. उनके साथ संगठन है. बूथ मैनमेजमेंट है. और यह इलाक़ा ऐसा है जहां कोई जातीय समीकरण नहीं है. यहाँ पंजाबी, तमिल, तेलुगू, मलयाली, बंगाली और बिहारी, सभी हैं. रघुवर दास ख़ुद भी बाहरी ही हैं. ऐसे में इनके बीच रघुवर दास को लेकर एक क़िस्म का सुरक्षा भाव भी रहता है. पिछले 25 सालों से रघुवर दास इन सभी बाहरियों के बीच अपने जैसे रहे हैं."

वो कहते हैं, "उनके साथ पार्टी का संगठन है. सत्ता है. पैसा है और बूथ मैनेजमेंट हैं. मेरे साथ ये नहीं है, लेकिन मुझे जनता के प्यार पर भरोसा है. पिछले पाँच सालों में रघुवर दास की सरकार में कई भ्रष्टाचार हुए हैं और मैंने इसके ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई उसी वजह से टिकट नहीं मिला."

"मैंने रघुवर दास से कहा था कि आप जिस रास्ते पर हैं वो मधु कोड़ा तक ले जाता है, इसलिए संभल जाइए. मैंने अपनी बात राजनाथ सिंह और रविशंकर प्रसाद से भी कह दी थी. लेकिन इसका कोई फ़ायदा नहीं हुआ. मैंने यहाँ तक कहा था कि यह मेरा आख़िरी चुनाव है. इस बार बीजेपी 15 से ज़्यादा सीटें नहीं जीत पाएगी."

वरिष्ठ पत्रकार अनुराग कश्यप को लगता है कि लड़ाई रघुवर दास और सरयू राय के बीच में ही है.

वो कहते हैं, "अगर रघुवर दास के सामने केवल सरयू राय होते तो स्थिति दूसरी होती. गौरव वल्लभ और जेवीएम के अभय सिंह नहीं होते तो रघुवर दास की जीत इतनी आसान नहीं होती. अभय सिंह और सरयू राय दोनों राजपूत हैं. अभय सिंह को अगर 20 हज़ार वोट भी मिलता है तो सरयू राय का ही नुक़सान होगा."

Tuesday, November 26, 2019

金马金鸡同日颁奖 大陆台湾电影奖也要扳手腕

第56届台湾金马奖与第32届中国金鸡奖颁奖典礼同天(11月23日)举行,前者星光黯淡,大牌明星集体缺席,后者星光云集,场面浩大,气势十足。

针对中国抵制金马奖,金马奖影展主席、台湾导演李安向媒体表示,金马奖像是华语电影的大家庭,“我们双手永远是张开的,只要是华语电影都欢迎。”

第56届金马奖11月23日登场,中国电影金鸡奖则一改过去9月举行的惯例,改在11月23日在厦门举行,与金马奖同一天,加上中国下令大陆影人不得参加金马奖,使两项颁奖典礼充满浓浓政治味。

两大电影奖同时举行,参加任何一场即有表态的意味,因此许多电影人干脆选择都不出席。出席台北金马奖的电影人以台湾及东南亚为主,另外3位香港影人包括导演黄进、影评冯家明及动画师卢子英也参与典礼,日本知名演员永濑正敏则担任颁奖嘉宾。

在厦门举行的中国电影金鸡奖则大牌明星云集,典礼由黄渤、邓超搭档女艺人蓝羽主持,包括张艺谋、陈凯歌、成龙、李冰冰、黄渤、邓超、孙俪、黄晓明、胡歌、杨幂、刘诗诗、周冬雨皆出席典礼。台湾艺人林心如、彭于晏、邱泽及王大陆等人也是座上宾。

金马奖和金鸡奖同天举行,加上因为“抵制风波”而染上政治味,两场颁奖典礼难免被外界拿来比较。金马奖开场表演《有一阵人,追求一个梦》效法奥斯卡以歌舞剧方式呈现。

该歌舞表演全程以台语(闽南语)演出,充满浓厚的台湾味。该表演还结合了过去颁奖典礼的经典画面,像是周润发、梅艳芳、刘德华、梁朝伟及林青霞等明星参与典礼的历史画面等。

金鸡奖开场表演先播放录制短片《和你在一起》,由黄渤、郑恺及欧阳娜娜一起演绎,随后大幕拉开后出现大批舞者,整齐划一地跳出各种舞蹈,并结合合唱团演出。从场地、舞台、表演人数都超越了台北金马奖。

《厦门日报》称:“代表中国电影奋发精神的金鸡奖奖杯在舞台展现。金鸡报晓,亮相于沧海之上;百舸争流,一唱雄鸡天下白。”

有大陆网友认为缺乏美感、宛如“央视春晚”,在微博有近65万粉丝的大陆独立歌手李悄表示,“金鸡奖的现场舞台设计与审美,还是像那种地方大杂烩,形式也与春晚一样。”

有28万粉丝的自媒体“大聪看电影”称,“金鸡隆重排场大明星云集载歌载舞如春晚,排片和获奖需考虑的综合因素较多,这也侧面反映国内电影工业发展和市场环境,像一部商业大片。”并描述台北金马奖很落寞、很孤独但玩得纯粹,沉淀专业,更像一部文艺片。

金鸡奖过去被外界认为官方色彩浓厚,今年改制后试图逐渐展现成为国际电影大奖典礼的野心,因为日期调整、即从两年一届改为每年举办,被认为是将矛头指向金马奖。

至于少了中国电影人参与的金马奖,虽然少了艺人星光,但许多国际级的影坛大师仍齐聚一堂力挺金马奖,包括侯孝贤、王童、李行、李屏宾等历年金马得主都亲自出席。

金马执委会主席、台湾导演李安被媒体问及大陆不参加是否是金马奖的损失时表示:“损失当然损失,你可以看到不管是星光、参展的作品,当然我们最好的作品我觉得、我个人觉得不会比每一年的差,我们今年还是有很好的作品。”

他强调,好作品还是有很多,尤其金马奖是大家庭,像朋友相濡以沫般互相切磋,所以大家都很喜欢金马奖,牵扯到政治是大家都不愿意见到的。 他说:“今年少一点,我们当然会有遗憾,可是我们的双手永远是张开的,只要是说中文、华语的电影导演,我们欢迎你来。”

得奖人致词时,有关香港的发言也引发关注。以《返校》中的《光明之日》摘下最佳电影原创歌曲的作曲人卢律铭致词时表示,他要将这首歌送给所有在香港坚持理想的人,“希望你们可以平安且自由地生活着,活下去才有希望,希望在不久的未来可以阳光普照,致自由。”引发全场热烈鼓掌及欢呼。

第56届金马奖共计588件作品报名角逐,虽然少了中国电影参赛,报名件数仍是史上第二高,竞争十分激烈的最佳男主角奖项,由《阳光普照》的陈以文获得,女主角则由马来西亚女演员杨雁雁凭藉《热带雨》拿下。

Tuesday, October 22, 2019

مظاهرات لبنان والعراق ضد "فساد السلطة" أم "أذرع إيران"؟

أولت صحف ومواقع إخبارية عربية اهتماما بالاحتجاجات الدائرة في لبنان، وربطت بينها وبين تلك التي بدأت قبلها في العراق.

وأشار بعض الكُتّاب إلى "التناغم" بين الاحتجاجات في البلدين ضد ما وصفوه بـ"فساد السلطة"، فيما رأى آخرون أن الاحتجاجات جاءت ضد نفوذ إيران من الأساس.

ويتظاهر آلاف اللبنانيين، منذ مساء الخميس 17 أكتوبر/تشرين الأول، احتجاجا على قرارات حكومية بفرض ضرائب جديدة في ظل أزمة اقتصادية يمر بها البلد.

ومن المتوقع كذلك أن تشهد بغداد ومحافظات عراقية أخرى يوم الجمعة المقبل استمرارا للتظاهرات التي بدأت في الأول من أكتوبر/تشرين الأول احتجاجا على تردي الخدمات وتفشي الفساد والبطالة.

يلفت عبدالرحمن الطريري في "عكاظ" السعودية إلى ما وصفه بـ"التناغم" بين المشهدين اللبناني والعراقي فيما يخص "الاحتجاجات على فساد السلطة".

ويقول: "لبنان كما العراق دولتان لم تتعرضا لموجة الربيع العربي، وإن كانتا تأثرتا وأثرتا بثورة كبيرة على باب بيتيهما في سوريا، والملاحظ في الحركتين اليوم ابتعادهما عن أي توجه سياسي، وحرص الحركة في لبنان على سبيل المثال على رفع العلم اللبناني دون أي شعار حزبي، والملاحظة الأبرز أن المتظاهرين العراقيين اليوم هم جيل ما بعد صدام، وبالتالي لا يمكن وصمه بالبعث، التهمة التي كان يوصم بها المعارضون بعد 2003، وفي لبنان كثير من المحتجين هم الشباب الذين لم يعيشوا الحرب الأهلية، بل عاشوا تأسيس نفوذ إيران-حزب الله باغتيال رفيق الحريري في 2005 ثم حرب تموز في 2006".

وتحت عنوان "بيروت ترد التحية إلى بغداد ... انتفاضة بوجه أذرع إيران"، كتب طوني بولس في موقع "اندبندنت عربية" يقول: "من بيروت إلى بغداد الشعب يصرخ لا للطائفية نريد دولة مدنية".

ولفت بولس إلى انتفاضة الشارعين العراقي واللبناني بدعم من المكون الشيعي فيهما، قائلا: "بين بغداد وبيروت عاد الشريك الشيعي بشكل واضح كاسرا حاجز الخوف والتهديد".

في نفس السياق، وفي مقال بعنوان "لبنان والعراق .. شعوب ترفض بصمة إيران المدمرة"، يقول موقع "الحرة": "لم تكد تمضي أسابيع قليلة عن جولة جديدة من احتجاجات العراقيين ضد الفساد والطبقة الحاكمة، حتى اندلعت تظاهرات غير مسبوقة منذ سنوات في لبنان لنفس الأسباب تقريبا، في بلدين يشهدان نفس التحديات فيما يتعلق بمشروع إيران الرامي لضرب مفهوم الدولة ومؤسساتها وخلق دولة رديفة".

ويتابع: "وكما العراق توحدت الهتافات بشعارات ضد الفساد، حتى أن المطالب كانت واحدة برحيل الطبقة السياسية الحاكمة".

وفي صحيفة "الوطن" البحرينية، تقول الكاتبة سوسن الشاعر إن الاحتجاجات في العراق ولبنان جاءت ضد إيران بالأساس.

تقول الكاتبة: "لأول مرة هذا الشيعي العربي الذي كان خنوعاً لمرجعيات إيرانية يثور على مرجعياته الدينية وقياداته السياسية المعينة والمباركة من قبل المرجعية بجرأة غير مسبوقة، ولأول مرة وهذا هو الجديد، إيران لم تعد قادرة على قيادة هذا الشارع الشيعي بالخطاب الديني وحده، فإيران مضطرة اليوم أن تنزل قناصتها و زعرانها للشارع لمواجهة مريديها الذين ثاروا ضدها".

واعتبرت الكاتبة أن ما يحصل في لبنان والعراق هو متغير جديد طرأ على الجماعات الموالية لإيران في البلدين، وأن هذا التحول "لم يكن في حسبان إيران أبداً".

وتوقعت الكاتبة أن تقوم إيران بـ"قمع" الاحتجاجات في لبنان "كما قمعت انتفاضة شيعة العراق، لكن الوقار والهيبة والحاجز انكسر في مواجهة وكلاء خامنئي".

وركزت "القدس العربي" في افتتاحيتها على احتجاجات لبنان قائلة: "تبدو الاحتجاجات اللبنانية الحاليّة استشعارا بالهاوية التي يهبط إليها لبنان، ومحاولة لوقف هذا التدهور، ومن المتوقع من الطبقة السياسية اللبنانية، على اختلاف توجهاتها السياسية، أن تحاول أيضا، وعلى طريقتها، منع هذا الهبوط عبر خطط إصلاحيّة مؤقتة، وكذلك منع اتجاه الاحتجاجات إلى حالة ثورية تكسر الهويات الطائفية، التي هي خزّان الحفاظ على النظام القائم، وبذلك يتم، كالعادة، توظيف الطوائف في مواجهة الشعب، فهل تنجح؟"

وفي "الأنوار" اللبنانية، توجّه إلهام سعيد فريحة كلمة إلى المسؤولين في لبنان قائلة: "استفيقوا من غضب وقهر وذل ومعاناة الشعب اللبناني بأسره وبكل طوائفه، وهاتوا قبل 72 ساعة تنازلا واضحا ومبرما على كل هدر وفساد قمتم به قبل سقوط الوطن الذي يستحقه الشعب الأصيل. أنتم الفاسدون ستدفعون ثمن تقصيركم".

Tuesday, October 1, 2019

Грандиозные торжества к 70-летию КНР: что можно и чего нельзя

Военная техника готова, флаги развешаны, почтовые голуби и дроны запрещены, дороги патрулируют, пассажиров поездов досматривают - Китай готовится отпраздновать 70-летие коммунистического правления в стране в беспрецедентных масштабах.

Протестующие в Гонконге предсказуемо не готовы разделить праздничное настроение членов Компартии.

1 октября на площади Тяньаньмэнь в Пекине планируются фейерверки и гигантский военный парад, а чтобы все прошло гладко, последние несколько недель власти Китая внимательно следят за безопасностью на улицах и в интернете.

Место праздника несет особый символизм. Именно на площади Тяньаньмэнь 70 лет назад глава Компартии Мао Цзэдун объявил об основании КНР, а 30 лет назад здесь же были расстреляны сотни участников массовой студенческой демонстрации против авторитаризма.

Китай отмечает очередную круглую годовщину событий, когда коммунисты при поддержке СССР победили Китайскую национальную партию (Гоминьдан) в гражданской войне, последовавшей за Второй мировой.

Для нынешнего руководителя КНР Си Цзиньпина это первая круглая дата. И, скорее всего, не последняя - в 2018 году партия отменила ограничение на количество сроков правления.

Это первый большой юбилей страны с тех пор, как Китай стал супердержавой. Сейчас, когда из-за торговой войны с Америкой рост китайской экономики упал до рекордного минимума за последние 28 лет, об этом особенно важно напомнить миру.

Monday, September 23, 2019

"Давайте спорить о вкусе устриц с теми, кто их ел": о чем спорят Шойгу и Кудрин

Два политика, считающихся близкими к президенту России Владимиру Путину, поспорили о том, сколько нужно тратить на оборону. Не надо бояться больших расходов, считает министр обороны Сергей Шойгу. Да, но Путин уже привел расходы на оборону к разумной величине, больше сокращать не надо, заявил в ответ глава Счетной палаты Алексей Кудрин.

Шойгу впервые с момента назначения дал развернутое интервью газете "Московский комсомолец". Оно было опубликовано в воскресенье, российские СМИ расхватали его на цитаты ("Шойгу назвал главную угрозу для России", "Шойгу допустил возможность отмены призыва в армию"). До понедельника обсуждаемым остался один сюжет - нападки министра обороны на главу Счетной палаты России.

Журналист поинтересовался мнением Шойгу о тезисе Кудрина о том, что нынешний уровень оборонных расходов и расходов на ОПК является неподъемным бременем для экономики России.

Шойгу ответил цитатой из Михаила Жванецкого: "Дословно я его не вспомню. Но смысл заключался в том, что колбасы у нас мало, а нас много. Штанов мало, а нас самих много. Мыла у нас мало, а нас много. Вывод: нас должно меньше быть. Стенания на тему, что у нас раздутый оборонный бюджет, построены, как мне представляется, на очень схожей логике".

"Надо бояться не больших расходов, а маленьких доходов, и именно над этим надо работать нашим экономистам, - посоветовал глава министерства обороны. - Вооруженные силы уже были сокращены почти в два раза. Нам предлагается руководствоваться некими размытыми критериями - много, необоснованно много, чрезмерно много. Но я не знаю таких единиц измерения! Зато мне есть что вспомнить о том моральном состоянии армии, которое было в 2012 году, а не в голодные 90-е".

"Поэтому предлагаю обсуждать не надуманные общие тезисы, а конкретные и насущные вопросы и дела. Просто говорить "расходы на оборону избыточны" - следовать давно прошедшей моде. Это все равно что в сегодняшних условиях жизни носить кримпленовый пиджак, который считался самым последним писком моды в 1972 году. И вообще, как сказал классик, "давайте спорить о вкусе устриц с теми, кто их ел", - резюмировал Шойгу.

Полностью цитата Жванецкого, которую взял на вооружение министр обороны, звучит так: "Давайте спорить о вкусе устриц и кокосовых орехов с теми, кто их ел, до хрипоты, до драки, воспринимая вкус еды на слух, цвет на зуб, вонь на глаз, представляя себе фильм по названию, живопись по фамилии, страну по "Клубу кинопутешествий", остроту мнений по хрестоматии".

Кудрин ответил Шойгу вечером в воскресенье. По его словам, нападки министра его удивили.

"Президент уже привел расходы на оборону к разумной величине. Я говорил, что дальнейшее снижение не требуется для решения задач обороны. Теперь цель - эффективность", - написал он в "Твиттере".

"Расходы на оборону в прошлом году составили около 2,7% ВВП. Это даже ниже, чем предлагалось в рекомендациях ЦСР", - написал Кудрин в другом твите.